प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ 2025 केवल धार्मिक आयोजन भर नहीं, बल्कि भाजपा के लिए एक महत्वपूर्ण राजनीतिक मंच भी साबित हो रहा है। इस बार महाकुंभ में विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से भाजपा ने दलित और पिछड़ी जातियों को साधने के लिए विशेष प्रयास किए हैं। इसके साथ ही, विपक्ष द्वारा भाजपा को संविधान और आरक्षण विरोधी बताने के नैरेटिव को भी तोड़ने की रणनीति अपनाई गई है।
महाकुंभ में संविधान गैलरी और आंबेडकर पर विशेष फोकस
महाकुंभ नगर में त्रिवेणी मार्ग पर उत्तर प्रदेश के संसदीय कार्य विभाग द्वारा स्थापित “संविधान गैलरी” विशेष आकर्षण का केंद्र बनी हुई है। इस गैलरी को “हमारा संविधान, हमारा स्वाभिमान” की टैगलाइन दी गई है। इसमें भारतीय संविधान की प्रतिकृति, डिजिटल स्क्रीन, वर्चुअल रियलिटी अनुभव, और संविधान सभा के सदस्यों की यात्रा को प्रदर्शित करने वाले इंटरैक्टिव वॉल लगाए गए हैं।
संविधान के महत्व को दर्शाने के लिए भाजपा कार्यकर्ताओं ने सफाई कर्मचारियों के बीच संविधान की प्रतियां और डॉ. बी.आर. आंबेडकर की तस्वीरें वितरित कीं। इस पहल को दलित और अति पिछड़ी जातियों के बीच सकारात्मक संदेश देने के रूप में देखा जा रहा है।
महाकुंभ के माध्यम से दलित और पिछड़ी जातियों को जोड़ने की रणनीति
महाकुंभ में भाजपा द्वारा किए गए ये प्रयास केवल सांकेतिक नहीं हैं, बल्कि इनका गहरा राजनीतिक उद्देश्य है। वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को यूपी में अपेक्षाकृत कमजोर प्रदर्शन करना पड़ा था, जहां पार्टी गठबंधन को 80 में से 37 सीटें मिलीं, जबकि विपक्षी इंडिया गठबंधन ने 43 सीटों पर जीत दर्ज की। विपक्ष ने भाजपा को संविधान और आरक्षण विरोधी दिखाने का प्रयास किया था, जिसे अब भाजपा काटने की कोशिश कर रही है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ को “सामाजिक समता का महापर्व” कहा और इसमें पिछड़ी जातियों को साथ जोड़ने का संदेश दिया। उन्होंने भाजपा के सहयोगी दलों के नेताओं को विशेष महत्व दिया, जिससे यह संकेत गया कि पार्टी पिछड़ी जातियों के प्रति प्रतिबद्ध है।
महाकुंभ में निषाद समुदाय पर विशेष ध्यान
महाकुंभ के आयोजन के दौरान निषाद समुदाय को भी साधने की कोशिश की गई है। प्रयागराज में निषादराज पार्क में भगवान राम और निषादराज की कांस्य प्रतिमा की स्थापना के साथ ही, वाराणसी से प्रयागराज तक “निषादराज क्रूज” को लाने का भी विशेष प्रयास किया गया है। निषाद समाज यूपी की ओबीसी श्रेणी में महत्वपूर्ण स्थान रखता है और इसे भाजपा अपने पाले में लाने का प्रयास कर रही है।
विद्या कुंभ और सामाजिक कल्याण योजनाएं
भाजपा सरकार ने इस बार महाकुंभ में श्रमिकों और सफाई कर्मचारियों के बच्चों के लिए “विद्या कुंभ” योजना के तहत पांच अस्थायी प्राथमिक स्कूल खोले हैं। इनमें छात्रों को डिजिटल और स्मार्ट क्लास के जरिए मुफ्त शिक्षा दी जा रही है। इसके अलावा, सफाई कर्मचारियों के लिए टेंट कॉलोनियों, मुफ्त स्वास्थ्य परीक्षण, और अन्य सुविधाएं भी उपलब्ध कराई गई हैं।
राजनीतिक विश्लेषण: भाजपा की रणनीति कितनी कारगर?
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि भाजपा के ये प्रयास आगामी चुनावों में दलित और पिछड़ी जातियों का समर्थन सुनिश्चित करने की कोशिश हैं। हालांकि, विपक्षी दल इसे महज चुनावी रणनीति बताते हुए आलोचना कर रहे हैं। समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के नेता भाजपा पर महाकुंभ की व्यवस्थाओं में गड़बड़ी का आरोप लगा रहे हैं और निषाद समुदाय के नाविकों की समस्याओं को उठाकर भाजपा की रणनीति को चुनौती दे रहे हैं।
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