अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में भारत पर टैरिफ लगाने के संकेत दिए हैं, जिससे वैश्विक व्यापार जगत में हलचल मच गई है। लेकिन क्या आपको पता है कि ट्रंप के इस फैसले से भारत को कितना नुकसान हो सकता है और यह भारतीय अर्थव्यवस्था को कैसे प्रभावित करेगा? आइए इस विषय को विस्तार से समझते हैं।
ट्रंप के बयान और टैरिफ नीति का संदर्भ
5 मार्च को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिकी संसद को संबोधित किया। अपने भाषण में उन्होंने दो बार भारत का जिक्र करते हुए कहा:
“भारत हम पर सौ फीसदी टैरिफ लगाता है, जो कतई ठीक नहीं है।”
इसके अलावा, उन्होंने व्यापारिक संतुलन को लेकर चिंता जताते हुए कहा कि अब जो भी देश अमेरिका पर टैरिफ लगाएगा, अमेरिका भी उसी अनुपात में टैरिफ लगाएगा।
ट्रंप ने स्पष्ट रूप से टैरिफ वॉर (Tariff War) की घोषणा करते हुए कहा:
“यूरोपीय संघ, चीन, ब्राजील, भारत, मैक्सिको और कनाडा हम पर टैरिफ लगाते हैं। क्या आपने इनके बारे में सुना है? और अनगिनत अन्य देश हमसे बहुत ज्यादा टैरिफ वसूलते हैं। यह बहुत गलत है।”
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अमेरिका के दोस्त भी उतने ही घातक हैं जितने उसके दुश्मन। इस बयान के बाद आशंका है कि ट्रंप जल्द ही भारत, वियतनाम और कई यूरोपीय देशों पर टैरिफ बढ़ा सकते हैं। अब बड़ा सवाल यह है कि क्या भारत को इस धमकी से डरना चाहिए और यदि हां, तो इससे देश को सालाना कितना नुकसान हो सकता है?
भारत पर ट्रंप के टैरिफ की संभावनाएं और असर
राष्ट्रपति ट्रंप 2 अप्रैल तक भारत पर टैरिफ लागू कर सकते हैं, क्योंकि उन्होंने 13 फरवरी को अमेरिकी वाणिज्य सचिव को “रेसिप्रोकल टैरिफ” (Reciprocal Tariffs) लागू करने की समीक्षा करने का निर्देश दिया था।
रेसिप्रोकल टैरिफ क्या हैं?
- यह कर उन वस्तुओं पर लगाया जाएगा, जो अमेरिका के व्यापारिक साझेदार देशों से आयात की जाती हैं।
- टैरिफ दर वही होगी, जो विदेशी देश अमेरिकी उत्पादों पर लगाते हैं।
इसका मतलब है कि यदि भारत अमेरिकी सामानों पर अधिक टैरिफ लगाता है, तो अमेरिका भी भारतीय सामानों पर उतना ही टैरिफ लगाएगा।
भारत अभी अमेरिकी सामानों पर कितना टैरिफ लगाता है?
- वर्तमान में भारत अमेरिका से आने वाले सामानों पर लगभग 9.5% टैरिफ लगाता है।
- वर्ष 2000 में यह टैरिफ 26% था, जिसे बाद में घटा दिया गया।
- 2014 में नरेंद्र मोदी सरकार के आने के बाद भारत और अमेरिका के बीच व्यापार को बढ़ावा देने के लिए अमेरिकी सामानों पर टैरिफ कम कर दिया गया।
- नतीजतन, वस्तुओं के व्यापार का स्तर बढ़कर 11 लाख करोड़ रुपए सालाना हो गया।
ट्रंप के अनुसार, अमेरिका को यह मंजूर नहीं है कि भारत उनके सामानों पर ज्यादा टैक्स लगाए और इसलिए वे भी भारत पर टैरिफ बढ़ाने की योजना बना रहे हैं।
अगर अमेरिका टैरिफ बढ़ाता है तो भारत को कितना नुकसान होगा?
ट्रंप के टैरिफ से भारत को होने वाले संभावित नुकसान को लेकर अर्थशास्त्री और विशेषज्ञ दो अलग-अलग राय रखते हैं।
- कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि इससे भारत पर बहुत अधिक असर नहीं पड़ेगा।
- वहीं, कुछ का मानना है कि इससे भारतीय बाजार को बड़ा झटका लग सकता है।
विशेषज्ञों की राय:
स्वामीनाथन अय्यर (अर्थशास्त्री) का कहना है:
- “अमेरिका अपने टैरिफ से भारत को बहुत ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचा सकता है, लेकिन ट्रंप के इस फैसले से वैश्विक अस्थिरता बढ़ेगी।
- इसका असर भारत की अर्थव्यवस्था पर भी पड़ेगा, क्योंकि इससे दुनिया की GDP धीमी होगी और भारत की GDP पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।”
- “ट्रंप का असली निशाना भारत नहीं, बल्कि चीन, रूस, कनाडा और मैक्सिको हैं।”
सिटी रिसर्च की रिपोर्ट:
- अमेरिका के इस फैसले से भारतीय व्यापारियों में असमंजस की स्थिति बनेगी।
- भारत को सालाना 7 बिलियन डॉलर (करीब 60 हजार करोड़ रुपए) का नुकसान हो सकता है।
- मेटल, केमिकल और ज्वैलरी सेक्टर सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे।
- इसके अलावा फार्मा, ऑटोमोबाइल और फूड इंडस्ट्री पर भी नकारात्मक असर पड़ेगा।
भारतीय स्टेट बैंक (SBI) की रिसर्च:
- अगर अमेरिका भारत पर सीधे 20% टैरिफ बढ़ाता है, तो भारत की GDP को 50 बेसिस पॉइंट्स (BPS) का नुकसान होगा।
- यह नुकसान 19.4 बिलियन डॉलर (1.68 लाख करोड़ रुपए) का होगा।
- यह भारत और अमेरिका के कुल सालाना व्यापार का लगभग 10% होगा।
किन सेक्टर्स पर सबसे ज्यादा असर पड़ेगा?
1. मेटल इंडस्ट्री
- भारत अमेरिका को स्टील और एल्युमिनियम का निर्यात करता है।
- अगर अमेरिका ने टैरिफ बढ़ाया, तो भारतीय मेटल उद्योग को बड़ा झटका लग सकता है।
2. केमिकल और फार्मास्युटिकल इंडस्ट्री
- भारत दवाइयों और केमिकल्स का बड़ा निर्यातक है।
- उच्च टैरिफ से भारतीय दवाइयों की प्रतिस्पर्धात्मकता कम हो सकती है।
3. ज्वैलरी और डायमंड सेक्टर
- भारत से अमेरिका को हीरे और ज्वैलरी का निर्यात बहुत अधिक होता है।
- अमेरिकी टैरिफ से इस सेक्टर को भी नुकसान हो सकता है।
4. ऑटोमोबाइल सेक्टर
- भारत से अमेरिका को वाहनों के पार्ट्स का निर्यात किया जाता है।
- टैरिफ बढ़ने से इस क्षेत्र पर भी असर होगा।
क्या भारत को डरना चाहिए?
ट्रंप की टैरिफ नीति भारतीय निर्यातकों के लिए एक बड़ी चुनौती हो सकती है, लेकिन भारत को इससे घबराने की जरूरत नहीं है।
- अमेरिकी बाजार पर भारत की निर्भरता सीमित है।
- भारत अन्य देशों के साथ व्यापार बढ़ाकर इस नुकसान की भरपाई कर सकता है।
- भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक संबंध मजबूत हैं, इसलिए दोनों पक्षों को एक संतुलित समाधान निकालना होगा।
हालांकि, भारत सरकार को ट्रंप की नीति को गंभीरता से लेना चाहिए और रणनीतिक व्यापार नीतियां अपनानी चाहिए, ताकि भारतीय उद्योगों को ज्यादा नुकसान न हो।क्या ट्रंप की टैरिफ नीति भारतीय निर्यातकों के लिए बुरा सपना साबित होगी?
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में भारत पर टैरिफ लगाने के संकेत दिए हैं, जिससे वैश्विक व्यापार जगत में हलचल मच गई है। लेकिन क्या आपको पता है कि ट्रंप के इस फैसले से भारत को कितना नुकसान हो सकता है और यह भारतीय अर्थव्यवस्था को कैसे प्रभावित करेगा? आइए इस विषय को विस्तार से समझते हैं।
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