यहां उचित उपशीर्षकों के साथ वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 का एक सुव्यवस्थित संक्षिप्त और विस्तृत विवरण दिया गया है:
वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 का संक्षिप्त सारांश
- सरकार का रुख: मोदी सरकार ने चर्चा के लिए आठ घंटे का समय निर्धारित किया है और उसे बहुमत के कारण विधेयक पारित होने का पूरा भरोसा है।
- विपक्ष का रुख: विपक्ष इस विधेयक को “असंवैधानिक” कहता है और इसका कड़ा विरोध करता है।
- प्रमुख परिवर्तन: विधेयक में वक्फ अधिनियम, 1995 में सुधार का प्रस्ताव है, जिसमें अधिनियम का नाम बदलना, वक्फ को पुनः परिभाषित करना, पंजीकरण प्रक्रिया में सुधार करना और प्रौद्योगिकी को एकीकृत करना शामिल है।
- विवाद: यह विधेयक स्वामित्व नियमों में बदलाव करता है, जिसका असर मस्जिदों, दरगाहों और कब्रिस्तानों पर पड़ता है, और वक्फ बोर्डों में गैर-मुस्लिम प्रतिनिधित्व को अनिवार्य बनाता है। आलोचकों का तर्क है कि यह वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में मुस्लिम समुदाय की भूमिका को कम करता है।
- वर्तमान स्थिति: अगस्त 2024 में शुरू में पेश किए गए इस विधेयक की विरोध के बाद संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) द्वारा समीक्षा की गई। जेपीसी की सिफारिशों को शामिल करते हुए संशोधित संस्करण पर लोकसभा में बहस होनी है।
वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 का विस्तृत विवरण:
परिचय और सरकार का रुख:
- नरेन्द्र मोदी सरकार ने लोकसभा में चर्चा के लिए आठ घंटे का समय निर्धारित किया है और उसे अपने बहुमत के कारण इसके पारित होने का पूरा भरोसा है।
- केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने विधेयक का बचाव करते हुए कहा कि इसमें सुधार आवश्यक है, क्योंकि मुस्लिम समुदाय का केवल एक कुलीन वर्ग ही वक्फ संपत्तियों का प्रबंधन करता है।
वक्फ क्या है?
- वक्फ इस्लामी कानून के तहत धार्मिक या धर्मार्थ उद्देश्यों के लिए समर्पित संपत्तियों को संदर्भित करता है। एक बार वक्फ के रूप में नामित होने के बाद, स्वामित्व अल्लाह को हस्तांतरित हो जाता है, जिससे यह अपरिवर्तनीय हो जाता है।
- वाकिफ (वक्फ का निर्माता) इसके प्रबंधन के लिए एक मुतवल्ली (कार्यवाहक) या एक सक्षम प्राधिकारी की नियुक्ति करता है।
- भारत में दुनिया की सबसे बड़ी वक्फ संपत्तियां हैं, जिसमें 8.7 लाख वक्फ संपत्तियां हैं, जो 9.4 लाख एकड़ में फैली हुई हैं, जिनका मूल्य 1.2 लाख करोड़ रुपये है।
- वक्फ बोर्ड भारतीय रेलवे और सशस्त्र बलों के बाद भारत में तीसरा सबसे बड़ा भूस्वामी है।
वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 की मुख्य विशेषताएं:
- इस विधेयक का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन और विनियमन में सुधार के लिए वक्फ अधिनियम, 1995 में संशोधन करना है।
- प्रस्तावित मुख्य परिवर्तनों में शामिल हैं:
- अधिनियम का नाम बदलना तथा परिभाषाएँ अद्यतन करना।
- वक्फ संपत्तियों के लिए पंजीकरण प्रक्रिया में सुधार।
- वक्फ रिकॉर्ड में सुधार के लिए प्रौद्योगिकी का परिचय।
- मस्जिदों, दरगाहों और कब्रिस्तानों जैसे ऐतिहासिक स्थलों सहित वक्फ संपत्तियों के स्वामित्व नियमों में परिवर्तन करना।
- वक्फ बोर्डों में गैर-मुस्लिम प्रतिनिधित्व अनिवार्य करना।
- वक्फ संपत्तियों का जिला कलेक्टरों के पास पंजीकरण अनिवार्य किया गया है, जो सरकार को भेजने से पहले वक्फ दावों की वैधता का आकलन करेंगे।
विवाद और विपक्ष की चिंताएँ:
- आलोचकों का तर्क है कि यह विधेयक वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में मुसलमानों की भूमिका को कम कर सकता है।
- एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने सरकार पर मुसलमानों से उनकी जमीन छीनने का प्रयास करने का आरोप लगाया है।
- वक्फ बोर्डों में गैर-मुस्लिम प्रतिनिधित्व की आवश्यकता के कारण विभिन्न मुस्लिम समूहों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है।
- वक्फ दावों को मान्य करने में जिला कलेक्टरों को दी गई शक्ति को वक्फ की स्वायत्तता को प्रतिबंधित करने के कदम के रूप में देखा जा रहा है।
विधेयक की वर्तमान स्थिति:
- अगस्त 2024 में शुरू में प्रस्तुत किये गए इस विधेयक को व्यापक विरोध का सामना करना पड़ा और इसे संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) को भेज दिया गया।
- समिति की रिपोर्ट की समीक्षा के बाद केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बदलावों को मंजूरी दे दी और विधेयक को पुनः प्रस्तुत किया।
- इस विधेयक पर बुधवार को लोकसभा में चर्चा और पारित होने का कार्यक्रम है।
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