कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने पार्टी की चुनावी हार और मंथन के बैठकों को लेकर एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि वह ऐसी बैठकों में शामिल नहीं होते, इसलिए यह नहीं बता सकते कि वहां की क्या चर्चा का विषय क्या है। हालांकि, उन्होंने पार्टी नेतृत्व को भी एक सुझाव दिया कि उन्हें यह समझना चाहिए कि उनसे गलतियां कहां।हुईं और किन कारणों से कांग्रेस को अपनी हार का सामना करना पड़ा।
कांग्रेस नेता शशि थरूर ने पार्टी की चुनावी हार और रणनीति पर खुलकर अपनी राय रखी है। उन्होंने ये भी कहा कि कांग्रेस को यह विश्लेषण करना चाहिए कि जहां पार्टी जीती है, वहां उसने क्या सही किया है, और जहां पार्टी ने हार का सामना किया वहां क्या कमियां रह गईं।
शशि थरूर ने कहा कि वह चुनावी हार के बाद होने वाली कांग्रेस की मंथन बैठकों में शामिल नहीं होते, इसलिए यह भी नहीं बता सकते कि वहां पर।क्या चर्चाएं होती हैं। हालांकि, उन्होंने इस बात पर जोर भी दिया कि पार्टी को अपने कार्यों पर आत्मचिंतन करना चाहिए और अपनी गलतियों से सीखने के पश्चात भविष्य की रणनीति बनानी चाहिए।
जब उनसे ये पूछा गया कि क्या कांग्रेस नेतृत्व करने वाले, विशेष रूप से सोनिया गांधी और राहुल गांधी, पार्टी की विफलताओं पर कोई विचार-विमर्श करते भी हैं ? तो उन्होंने कहा कि इस तरह की बैठकों में वह खुद शामिल नहीं होते, लेकिन वो ये जरूर मानते हैं कि पार्टी नेतृत्व को ऐसा करना चाहिए।
उन्होंने यह भी कहा कि भारत के हर राज्य की राजनीतिक स्थिति अलग होती है, इसलिए ‘वन-साइज-फिट्स-ऑल’ रणनीति नहीं अपनाई जा सकती। उदाहरण देते हुए कहा कि बीजेपी उत्तर भारत में सफल हो रही है, लेकिन दक्षिण भारत में उसे उतनी सफलता नहीं मिली। इसी तरह, कांग्रेस को भी अलग-अलग राज्यों के हिसाब से अपनी रणनीति बनानी होगी।
थरूर का यह बयान ऐसे समय में आया है जिस समय कांग्रेस कई राज्यों में चुनावी हार का सामना कर रही है और पार्टी के भविष्य को लेकर सवाल उठ रहे हैं। उनका यह सुझाव कांग्रेस के लिए आत्ममंथन और रणनीतिक बदलाव की दिशा में एक महत्वपूर्ण संकेत हो सकता है।
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