भारत में पेंशन प्रणाली को मजबूत करने के लिए केंद्र सरकार अब यूनिवर्सल पेंशन स्कीम (UPS) लागू करने पर विचार कर रही है। यह योजना देश के सभी वर्गों, विशेष रूप से असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले लोगों को पेंशन सुरक्षा देने के लिए तैयार की जा रही है। मौजूदा समय में, करोड़ों भारतीयों को बुढ़ापे में वित्तीय असुरक्षा का सामना करना पड़ता है, खासकर वे लोग जो संगठित क्षेत्रों से बाहर काम करते हैं और जिनके पास सेवानिवृत्ति के बाद आय का कोई निश्चित साधन नहीं होता।
यूनिवर्सल पेंशन स्कीम (UPS) क्या है और इससे किसे फायदा होगा?
सरकार का उद्देश्य देश के सामाजिक सुरक्षा ढांचे को मजबूत करना और इसे नया रूप देना है। *भारत में 60 साल से अधिक उम्र के 15 करोड़ से अधिक लोग हैं, और इनकी संख्या लगातार बढ़ रही है। मौजूदा पेंशन योजनाएं *मुख्य रूप से संगठित क्षेत्र के वेतनभोगी कर्मचारियों के लिए बनाई गई हैं। लेकिन UPS के तहत पहली बार असंगठित क्षेत्र के मजदूर, घरेलू कर्मचारी, दुकानदार, प्राइवेट कर्मचारी, किसान, स्ट्रीट वेंडर, निर्माण श्रमिक आदि को भी पेंशन का लाभ देने पर विचार किया जा रहा है।
अगर यह योजना लागू होती है, तो यह उन लोगों के लिए एक जरूरी वित्तीय सुरक्षा कवर प्रदान करेगी, जिनके पास सेवानिवृत्ति के बाद कोई आर्थिक सहारा नहीं है। हालांकि, यह योजना *स्वैच्छिक और अंशदायी (Contributory) होगी, यानी जो लोग पेंशन चाहते हैं, उन्हें **एक निश्चित रकम जमा करनी होगी, और सरकार भी इसमें अपना योगदान दे सकती है। अभी इस योजना के वित्तीय ढांचे पर काम किया जा रहा है, और *EPFO (कर्मचारी भविष्य निधि संगठन) को इसका ड्राफ्ट तैयार करने की जिम्मेदारी दी गई है।
मौजूदा पेंशन योजनाएं और UPS से उनका अंतर
वर्तमान में भारत में अलग-अलग वर्गों के लिए 5 प्रमुख पेंशन योजनाएं हैं:
- EPFO (कर्मचारी भविष्य निधि संगठन) – संगठित क्षेत्र के वेतनभोगी कर्मचारियों के लिए अनिवार्य बचत योजना।
- NPS (राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली) – सरकारी और निजी क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए स्वैच्छिक योजना, जो कर लाभ और बाजार से जुड़े रिटर्न प्रदान करती है।
- अटल पेंशन योजना (APY) – असंगठित क्षेत्र के लोगों के लिए, जिसमें 1,000 से 5,000 रुपये मासिक पेंशन का प्रावधान है।
- प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना (PM-SYM) – स्ट्रीट वेंडर, घरेलू कामगारों और मजदूरों के लिए, जिसमें 3,000 रुपये मासिक पेंशन दी जाती है।
- प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना (PM-KMY) – किसानों के लिए, जिसमें 3,000 रुपये मासिक पेंशन का प्रावधान है।
UPS इन योजनाओं से कैसे अलग होगी?
इन योजनाओं के बावजूद, भारत में अब भी एक व्यापक और सुव्यवस्थित पेंशन प्रणाली का अभाव है, जो *सभी नागरिकों को समान रूप से कवर करे। यूनिवर्सल पेंशन स्कीम (UPS) का उद्देश्य एक *सामान्य पेंशन मॉडल बनाना है, जो हर नागरिक के लिए उपलब्ध हो, चाहे वह किसी भी क्षेत्र में काम करता हो।
भारत में पेंशन प्रणाली अभी भी भविष्य निधि और लक्षित वृद्धावस्था पेंशन योजनाओं पर निर्भर करती है। लेकिन बढ़ती जीवन प्रत्याशा (Life Expectancy) और पारंपरिक संयुक्त परिवार व्यवस्था में गिरावट को देखते हुए सरकार अब सभी नागरिकों के लिए एक व्यापक पेंशन योजना पर विचार कर रही है।
अन्य देशों में पेंशन व्यवस्था कैसी है?
डेनमार्क, स्वीडन, नॉर्वे, नीदरलैंड और न्यूजीलैंड जैसे विकसित देशों में सरकारी फंड से संचालित यूनिवर्सल पेंशन योजनाएं उपलब्ध हैं। 2024 मर्सर सीएफए इंस्टीट्यूट ग्लोबल पेंशन इंडेक्स सर्वे के मुताबिक, भारत 48 देशों की सूची में सबसे निचले पायदान पर है।
इसके विपरीत, नीदरलैंड (84.8), आइसलैंड (83.4) और डेनमार्क (81.6) पेंशन सुरक्षा के मामले में शीर्ष स्थान पर हैं, क्योंकि यहां सरकार सभी नागरिकों को पेंशन की गारंटी देती है।
भारत में अभी भी पेंशन व्यवस्था अंशदायी (Contribution-Based) है, यानी यहां के नागरिकों को अपनी बचत से पेंशन के लिए पैसा जमा करना होता है। *अधिकांश विकसित देशों में यह व्यवस्था नहीं है, वहां सरकार ही *पूरी पेंशन की जिम्मेदारी लेती है।
UPS भारत के लिए कितनी जरूरी है?
- बुजुर्गों के लिए वित्तीय सुरक्षा – यह योजना उन लोगों के लिए जीवन भर की सुरक्षा देगी, जिनके पास सेवानिवृत्ति के बाद कोई आमदनी का जरिया नहीं होता।
- असंगठित क्षेत्र को कवर करना – पहली बार दिहाड़ी मजदूर, घरेलू कामगार, किसान, दुकानदार, प्राइवेट सेक्टर कर्मचारी आदि भी पेंशन सुरक्षा में आएंगे।
- आर्थिक असमानता कम होगी – वर्तमान पेंशन योजनाएं *सिर्फ संगठित क्षेत्र को लाभ देती हैं, लेकिन *UPS से सभी वर्गों को बराबरी का अवसर मिलेगा।
- बुढ़ापे में गरीबी को रोका जा सकेगा – पेंशन योजना लागू होने से बुजुर्गों को आत्मनिर्भर बनाया जा सकेगा और वे किसी पर आर्थिक रूप से निर्भर नहीं रहेंगे।
- सरकारी योजनाओं का विस्तार – UPS से भारत की सामाजिक सुरक्षा प्रणाली को और मजबूत किया जा सकेगा।
यूनिवर्सल पेंशन स्कीम (UPS) भारत में एक ऐतिहासिक सामाजिक सुरक्षा सुधार हो सकती है, जिससे *सभी नागरिकों को पेंशन का लाभ मिलेगा। अगर यह योजना सफलतापूर्वक लागू होती है, तो *भारत में करोड़ों बुजुर्गों को बुढ़ापे में वित्तीय सुरक्षा मिलेगी और असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले लोगों के लिए भी एक मजबूत आर्थिक सहारा बनेगी।
*हालांकि, इस योजना को प्रभावी बनाने के लिए सरकार को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा, जैसे – **निधि का प्रबंधन, लाभार्थियों की पहचान और प्रशासनिक लागतों को संतुलित करना। लेकिन अगर यह योजना ठीक से लागू की जाती है, तो यह *भारत की सामाजिक सुरक्षा नीति में एक बड़ा बदलाव ला सकती है और हर भारतीय के लिए एक सुरक्षित भविष्य सुनिश्चित कर सकती है। 🚀
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